भूगोल

भारतीयजलवायुकेप्रकारएवंविशेषताएं

भारतीय जलवायु के प्रकार एवं विशेषताएं

भारतीय जलवायु के प्रकार एवं विशेषताएं( भारतीय जलवायु क्या है ?, मौसम का अर्थ, जलवायु का अर्थ, मौसम की क्रिया विधि, कोपेन के अनुसार भारत में जलवायु प्रदेश ) किसी विशाल क्षेत्र में लंबे समयावधि में मौसम की अवस्थाओं तथा विविधताओं का कुलयोग ही जलवायु है । जबकि मौसम एक विशेष समय में एक क्षेत्र […]

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भारतकीप्राकृतिकवनस्पतिएवंमहहत्व

भारत की प्राकृतिक वनस्पति एवं महत्त्व

भारत की प्राकृतिक वनस्पति एवं महत्त्व भारत ही नहीं,पूरी दुनिया में है। हम सब के घर,मैदान,वन एवं पहाड़ियों पर अनेक प्रकार के पेड़,पौधे एवं झाड़ियाँ देखने को मिलती है । भारत देश जैव विविधता वाले देशों मे से एक है । भारत देश में लगभग 47000 हजार से ऊपर कई तरह के पौधे पाए जाने

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भारतीय-मिट्टी-के-प्रकार

भारतीय मिट्टी के प्रकार | INDIAN SOIL TYPES

भारतीय मिट्टी एक बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है। मिट्टी या मृदा शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द सोलम से हुई है,जिसका अर्थ है ‘फर्श’। प्रकृति में उपलब्ध मृदा पर कई कारकों का प्रभाव होता है,जैसे –मूल पदार्थ,धरातलीय दशा,जलवायु एवं प्राकृतिक वनस्पति आदि । मिट्टी भू – पर्पटी की सबसे महत्त्वपूर्ण परत है। हमारे भोजन और

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भारत-की-प्रायद्वीपीय-नदियाँ-एवं-जल-प्रपात

भारत की प्रायद्वीपीय नदियाँ एवं जल प्रपात

भारत की प्रायद्वीपीय नदियाँ ,भारत की प्रायद्वीपीय नदियां चौड़ी लगभग संतुलित एवं उथली घाटियों से होकर प्रवाहित होती हैं ।  विशाल मैदानों की अपेक्षा यहां की नदियां छोटी और कम संख्या में हैं, क्योंकि यहां पर वर्षा कम होती है । इस कारण इन नदियों में गर्मी या ग्रीष्म ऋतु में जल की मात्रा बहुत

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भारत की प्रमुख झीलें एवं संबंधित स्टेट

भारत की प्रमुख झीलें एवं सम्बन्धित स्टेट

भारत की प्रमुख झीलें एवं सम्बन्धित स्टेट , पृथ्वी की सतह के गर्त या गड्ढे वाले भाग जहां पर बहुत मात्र में पानी जमा होता है ,उसे ही झील कहा जाता है । भारत की प्रमुख झीलें, में बहुत सी झीलें है ,जो एक दूसरे से आकार एवं अन्य लक्षणों से भिन्न है । अधिकतर

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भारत की अवस्थिति एवं विस्तार | भूगोल (भारतीय भूगोल )

भारत की अवस्थिति एवं विस्तार | भूगोल (भारतीय भूगोल )

भारत की अवस्थिति एवं विस्तार | भूगोल (भारतीय भूगोल ) भारत की सभ्यता एवं संस्कृति का विकास सिंधु घाटी सभ्यता से माना जाता है, जो आपने विशाल साम्राज्यों,व्यापार,सांस्कृतिक विकास व आर्थिक सफलताओं के लिए  माना जाता है। उत्तर भारत में बस्ने वाले आर्यों के नाम पर इस देश का नाम आर्यावर्त पड़ा । आर्यों के

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हिमालय पर्वत शृंखला एवं संबंधित राज्य

हिमालय पर्वत शृंखला एवं संबंधित राज्य

हिमालय पर्वत शृंखला एवं संबंधित राज्य , भारत की उत्तरी सीमा पर विस्तृत हिमालय पर्वत भूगर्भीय रूप से युवा एवं बनावट के दृष्टि से वलित पर्वत श्रेणी है । ये पर्वत श्रेणी पश्चिम – पूर्व दिशा में सिंधु से लेकर ब्रह्मपुत्र तक फैली है । हिमालय पर्वत विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी है ।

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भारतीय चट्टानों का वर्गीकरण

भारतीय चट्टानों का वर्गीकरण

भारतीय चट्टानें भारत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि इन्ही चट्टानों से अपार मात्रा में खनिज संपदा जैसे तेल, कोयला, धातु,पत्थर जैसे –मार्बलस आदि बहुत ही उपयोगी वस्तुएं प्राप्त होती है । भारतीय चट्टानों का  हम  बहुत ही बेहतरीन ढंग से अध्ययन की दृष्टि से समझ पाएंगे ।  भारतीय चट्टानों का वर्गीकरण

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भारत का समुद्री विस्तार

भारत का समुद्री विस्तार एवं चैनल

भारत एक मात्र देश है ,जिसके नाम पर किसी महासागर का नाम पड़ा ,जिसे हिन्द महासागर कहा जाता है।हिन्द महासागर भारत के के लिए पर्याप्त भू -राजनैतिक ,भू -आर्थिक एवं व्यापारिक तथा सामरिक महत्त्व है।    भारत का समुद्री  विस्तार एवं चैनल : भारत की समुद्री सीमा को तीन भागों मे बाँटा  गया है –

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