मेरे प्यारे दोस्तों हम आप सबको सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब होता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या को दिन में एवं चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को रात में होता है। पृथ्वी एवं चंद्रमा दोनों को प्रकाश सूर्य से मिलता है। पृथ्वी से चंद्रमा का एक ही भाग दिखाई देता है। क्योंकि पृथ्वी और चंद्रमा की घूर्णन गति समान है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी होगा। हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है, की यह पोस्ट पढ़कर आप सबको बहुत ही आनंद एवं लाभ मिलेगा।
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सूर्य ग्रहण क्यों होता है?: सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब होता है
सूर्य ग्रहण की स्थिति तब होती है, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाए एवं पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश न पड़कर चंद्रमा की परछाई पड़े। सूर्य ग्रहण सदैव अमावस्या के प्रतिपदा को होता है।
सूर्य ग्रहण का चित्र : सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब होता है
- जब सूर्य, पृथ्वी, एवं चंद्रमा एक सरल रेखा में होते है, तो इस स्थित को युति-वियुति अथवा सिजिगी कहा जाता है।
- युति सूर्य ग्रहण में होती है।
- वियुति चंद्र ग्रहण की स्थिति में होता है।
- सूर्य ग्रहण की स्थिति में पृथ्वी का जो भाग सूर्य की तरफ होता है, वही दूर चंद्रमा की छाया पड़ पाती है। साथ ही अनुप्रस्थ प्रतिच्छेद की तुलना में पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया का आकार छोटा होता है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण (खग्रास)
सूर्य ग्रहण पृथ्वी के सभी भागों पर एक साथ दिखाई नहीं देता है। जबकि यह केवल सीमित क्षेत्र में दिखाई देता है।
सूर्य ग्रहण प्रत्येक अमावस्या को एवं चंद्र ग्रहण प्रत्येक पूर्णिमा को लग्न चाहिए। परंतु ऐसा इस लिए नहीं होता है, क्योंकि चंद्रमा अपने अक्ष पर 5° झुक हुआ है।
चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण में जब पृथ्वी, सूर्य एवं चंद्रमा के बीच में आ जाती है। तो सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक नहीं पहुँच पाता है। पृथ्वी की छाया के कारण उस पर अंधेरा छा जाता है, इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात को होता है।
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब होता है,से संबंधित प्रमुख तथ्य
- जब चंद्रमा और पृथ्वी एक ही बिन्दु पर परिक्रमण पथ में पहुंचते है, तो उस समय चंद्रमा अपने अक्षीय झुकाव के कारण थोड़ा आगे निकल जाता है। इसी कारण प्रत्येक अमावस्या एवं पूर्णिमा को सूर्य एवं चंद्र ग्रहण नहीं होता है।
- एक वर्ष में अधिकतम सात चंद्र ग्रहण एवं सात सूर्य ग्रहण की स्थित हो सकती है। कभी-कभी पूर्ण सूर्य ग्रहण देखे जाते है। परंतु पूर्ण चंद्र ग्रहण प्रायः नहीं देखा जाता है। क्योंकि सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी के आकार में अंतर है।
- 22 जुलाई 2009 को 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा गया है।
- सूर्य ग्रहण के समय काफी मात्र में परावैगनी किरणे निकलती है, जनहे नग्न आँखों सए नहीं देखना चाहिए।
- पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के परिधीय क्षेत्र में हीरक वलय(Diamond Ring) की स्थित बनती है।
- पूर्ण सूर्य ग्रहण के कुछ सेकेंड पूर्व एवं कुछ सेकेंड के बाद हीरक वलय का दृश्य दिखाई देता है।
- किसी भी परिस्थित में पूर्ण सूर्य ग्रहण 8मिनट से अधिक नहीं हो सकता है।
निष्कर्ष
मेरे प्रिय दोस्तों आप सबको सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब होता है,पोस्ट के माध्यम से सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण के बारे में जानकारी दी। पोस्ट पढ़कर कैसा लगा, आप सब अपनी सकारात्मक एवं नकारात्मक सुझाव जरूर दें। मुझे इसका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
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FAQ
Q.सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब और कैसे होता है?
A.सूर्य ग्रहण अमावस्या को दिन में एवं चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को रात में होता है। पृथ्वी एवं चंद्रमा दोनों को प्रकाश सूर्य से मिलता है। पृथ्वी से चंद्रमा का एक ही भाग दिखाई देता है। क्योंकि पृथ्वी और चंद्रमा की घूर्णन गति समान है।
Q.चंद्र ग्रहण कब शुरू होगा?
A.चंद्र ग्रहण में जब पृथ्वी, सूर्य एवं चंद्रमा के बीच में आ जाती है। तो सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक नहीं पहुँच पाता है। पृथ्वी की छाया के कारण उस पर अंधेरा छा जाता है, इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात को होता है।
Q.मैं सूर्य ग्रहण कैसे देख सकता हूं?
A.आप चश्में की सहायता से सूर्य ग्रहण देख सकते है। क्योंकि सूर्य की परावैगनी किरणे नुकसान पहुंचा सकती है। आप सीधे खड़ें होकर आँखों पर चश्मा लगाकर देख सकते है।
Q.साल में कितनी बार सूर्य ग्रहण लगता है?
A.एक साल में अधिकतम सात सूर्य ग्रहण की स्थित हो सकती है। कभी-कभी पूर्ण सूर्य ग्रहण देखे जाते है।
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब और कैसे होता है?
सूर्य ग्रहण अमावस्या को दिन में एवं चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को रात में होता है। पृथ्वी एवं चंद्रमा दोनों को प्रकाश सूर्य से मिलता है। पृथ्वी से चंद्रमा का एक ही भाग दिखाई देता है। क्योंकि पृथ्वी और चंद्रमा की घूर्णन गति समान है।
चंद्र ग्रहण कब शुरू होगा?
चंद्र ग्रहण में जब पृथ्वी, सूर्य एवं चंद्रमा के बीच में आ जाती है। तो सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक नहीं पहुँच पाता है। पृथ्वी की छाया के कारण उस पर अंधेरा छा जाता है, इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात को होता है।
मैं सूर्य ग्रहण कैसे देख सकता हूं?
आप चश्में की सहायता से सूर्य ग्रहण देख सकते है। क्योंकि सूर्य की परावैगनी किरणे नुकसान पहुंचा सकती है। आप सीधे खड़ें होकर आँखों पर चश्मा लगाकर देख सकते है।
साल में कितनी बार सूर्य ग्रहण लगता है?
एक साल में अधिकतम सात सूर्य ग्रहण की स्थित हो सकती है। कभी-कभी पूर्ण सूर्य ग्रहण देखे जाते है।