महमूद गजनवी

महमूद गजनवी

मेरे प्रिय दोस्तों मध्यकालीन इतिहास में हम आपको महमूद गजनवी से संबंधित सभी महत्त्वपूर्ण सामान्य जानकारी देंगे। इस लेख से आपको परीक्षा में बहुत ही सहायता मिलेगी। अपको यह पोस्ट ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा।

महमूद गजनवी का जीवन परिचय

महमूद गजनवी का जन्म 1 नवंबर971ई  में हुआ था । महमूद गजनबी ने पर्याप्त शिक्षा प्राप्त की थी, और अपने पिता के समय में अनेक युद्धों में भाग लिया था।  998ई 27  वर्ष की आयु में अपने पिता के राज्य का स्वामी बन गया।

 महमूद गजनवी

इतिहासकारों ने इतिहास में महमूद को सर्वप्रथम सुल्तान माना है। जबकि उसके सिक्कों पर सिर्फ ‘अमीर महमूद’ अंकित किया गया था। लेकिन महमूद अपनी विजयों के कारण सुल्तान के पद के योग्य था, शुरू में महमूद ने अपनी शक्ति को हिरात बल्ख एवं बस्त में मजबूत किया।

बगदाद के खलीफा कादिर बिल्लाह ने 999ई में इन प्रदेशों में उसका अधिकार हो गाया। उसने यमीन-उद-दौला एवं आमीन-उल-मिल्लाह की उपाधि दी गई। इस समय पर उसने भारत पर प्रत्येक साल आक्रमण करने की शपथ ली थी। 

महमूद गजनवी के भारत में आक्रमण के कारण 

इतिहासकारों ने महमूद के भारत आक्रमण के बारे में विभिन्न प्रकार के मत प्रकट किए हैं, महमूद के भारत पर आक्रमण किये। 

महमूद भारत में इस्लाम धर्म की प्रतिष्ठा को स्थापित करना चाहता था।  प्रोफेसर हबीब ने महमूद को पूर्णतया सांसारिक व्यक्ति बताया है।  उनका कहना है – “वह धर्मांध था । वह मुस्लिम उलेमाओं वर्ग की आज्ञा ओं को मानने को तैयार ना था और उसके बर्बरता पूर्ण कार्यों में इस्लाम का प्रचार नहीं किया बल्कि इस्लाम को संसार की दृष्टि में गिराया” । 

इतिहासकार जफर ने लिखा है-  “महमूद का उद्देश भारत में इस्लाम का प्रचार नहीं बल्कि धन लूटना था उसने हिंदू मंदिरों पर इसलिए आक्रमण किए क्योंकि वहां धन संचित था”

महमूद का प्रमुख उद्देश्य भारत की संपत्ति को लूटना था इससे कोई भी इतिहासकार इंकार नहीं करता महमूद का लालची था, और उसे गजनी के राज विस्तार के लिए धन की जरूरत थी। उसके प्रारंभिक आक्रमणों की सफलता और धन लूटने से अधिक लालची बना दिया। 

 पड़ोस के हिंदू राज्य को नष्ट करना महमूद का राजनीतिक उद्देश्य था गजनी और हिंदू साम्राज्य के झगड़े अल्पतगीन के समय से चले आ रहे थे और तीन बार हिंदूशाही राज गजनी के राज्य पर आक्रमण कर चुका था।  

यस के लालसा महमूद के आक्रमणों का प्रमुख कारण था, महमूद महत्वाकांक्षी था। हिंदू शाही राज्य को समाप्त करना और लगातार युद्ध में विजय प्राप्त करके यश प्राप्त करना भी उसका प्रमुख उद्देश्य था 

महमूद गजनवी के 17 आक्रमण

भारत के कई परिस्थितियों में महमूद ने भारत पर आक्रमण किये। आक्रमण 11वीं सदी से शुरू हुए।  सर हेनरी इलियट ने बताया है कि महमूद ने भारत पर 17 आक्रमण किए हैं, जबकि सभी आक्रमणों के बारे में तर्क स्वीकृत प्रमाण प्राप्त नहीं हैं, कम से कम 12 अवश्य किए थे। 

  •  महमूद के आक्रमण 1000 ईसवी में शुरू हुए और पहले उसने सीमा के कुछ किलों को जीता। 
  •  महमूद ने दूसरा आक्रमण 1001 ईसवी में किया इस बार हिंदुस्तानी राजा जयपाल ने पेशावर के निकट उसका मुकाबला किया युद्ध में महमूद की विजय हुई और वह जयपाल के पुत्र नाती एवं अन्य संबंधी को बंदी बना लिए गए महमूद जयपाल की राजधानी बैहन्द के पास तक गया, और बहुत ज्यादा लूटमार की जयपाल और उसके संबंधियों ने महमूद को 25 हाथी और 250000 लेकर मुक्त कर दिया इस प्रकार बहुत अधिक धन लेकर महमूद भारत से वापस लौट गया। 
  • जयपाल के पुत्र आनंदपाल ने भेरा निकट उसका मुकाबला किया परंतु उसकी पराजय हुई, और महमूद ने 1006 ई में मुल्तान को जीत लिया। दाऊद ने महमूद को 20000 दिरहम प्रत्येक वर्ष देने का देने का वादा किया। 
  •  1008 ई महमूद भारत वापस आया और उसने नौशाशाह एवं दाऊद को कैद करके मुल्तान को अपने राज्य में मिला लिया। 
  •  1009 ई में बैहन्द के पास राजा आनंदपाल को अपने राज्य पर दो तरफ से आक्रमण का भय हो गया, जिसने एक बड़ी सेना एकत्रित कर पड़ोसी राज्यों से सहायता लेकर और पेशावर की तरफ बढ़ा बैहन्द के पास महमूद ने उसका मुकाबला किया और उसे पराजित कर दिया।  नगरकोट तक के पूर्व क्षेत्र पर महमूद का अधिकार हो गया। 
  • 1014 हिंदी में महमूद गजनबी में थानेश्वर हुक्का और रास्ते में डेरा के शासक राजाराम में उससे युद्ध किया परंतु उसकी पराजय हुई सभी मंदिरों व मूर्तियों को तोड़कर नगर को लूटकर महमूद वापस चला गया। 
  • 1018 ई महमूद कन्नौज राज्य पर आक्रमण करने के लिए आया शाही वंश का शासक त्रिलोचन पाल पूर्वी पंजाब से भाग खड़ा हुआ, और रास्ते के सभी छोटे छोटे राज्य उसके समक्ष आत्मसमर्पण करते चले गए, मथुरा के पास महावन में यदुवंश के साथ उन्हें उसका मुकाबला किया परंतु पराजय हुई आगे बढ़कर मथुरा में महमूद ने आक्रमण किया और वहां अपनी इच्छा अनुसार लूटमार की मथुरा हिंदुओं का महान तीर्थ स्थान था और वहां हजारों मंदिर थे। 
  • महमूद कन्नौज गया और वहां गुर्जर प्रतिहार वंश के अंतिम शासक राज्यपाल का शासन था राज्यपाल बिना युद्ध किए ही आ गया, और कन्नौज को महमूद ने लूट लिया
  •  महमूद ने कानपुर के पास मँझावन नामक स्थान पर आक्रमण किया जो ब्राह्मणों के किले के नाम से विख्यात था, 25 दिन तक महमूद किले को जीतना न सका लेकिन उसके बाद किले  की स्त्री एवं बच्चे जल मरे और पुरुष युद्ध में मारे गए।  
  • 80 के शासक चंद्रपाल और सिर्फ असावा के शासक चांदराय उसका मुकाबला नहीं किया रास्ते में स्थानों पर महमूद का कोई मुकाबला नहीं हुआ और वह कई स्थानों पर लूटमार करता हुआ गजनी वापस चला गया। 
  • 1019 में महमूद पुनः भारत आया। त्रिलोचनपाल ने इस बार यमुना नदी के निकट उसका विरोध किया। त्रिलोचनपाल ने महमूद का काफी साहस के साथ मुकाबला किया, परंतु पराजित हुआ। 
  • 1020-21 ई में महमूद ने अपने प्रमुख शत्रु विद्याधर को पराजित कर दिया। 
  • 1021 – 22 ई में महमूद गजनवी भारत फिर आया और उसने ग्वालियर के राजा कीर्तराज को संधि के लिए मजबूर किया, और कलिंजर किले का सम्मुख पहुंचा, परंतु उसे जीत न सका। विद्याधर ने संधि की बातचीत की उसने स्वीकार कर लिया। विद्याधर को 15 किले इनाम में दिए। 

महमूद गजनवी का सोमनाथ पर आक्रमण 

  • महमूद गजनवी ने एक बहुत बड़ी सेना लेकर 1024 ई में सोमनाथ पर आक्रमण करने के लिए चला। गुजरात में कठियावाड में समुद्र के तट पर स्थित शिव का मंदिर था 
  • 1025 ई में कठियावाड की राजधानी अनहिलवाड़ पहुँच गाया, और राजा भीमदेव भाग खड़ा हुआ, जिसके बाद महमूद ने खूब लूट- पाट की। 
  • मदिर में हजारों हिन्दू भक्त थे, महमूद ने आक्रमण किया, परंतु प्रथम दिन का आक्रमण सफल नहीं रहा। 
  • दूसरे दिन वह मंदिर की प्राचीर को पार कर गया, मंदिर में 50,000 से अधिक लोगों की हत्या करवा दी। मंदिर से चकमक पत्थर को हटा दिया गया। जिसे शिवलिंग नीचे गिरकर टूट गया। 

सोमनाथ मंदिर की विशेषता

  • मंदिर में लाखों व्यक्तियों के प्रतिदिन भेंट के अलावा 10,000 गांवों की आय मिलती थी। 
  • आकार एवं सौन्दर्य की दृष्टि से बहुत सुंदर था। 
  • हजारों हीरे जवारात से शिवलिंग का छत्र बना हुआ था। 
  • 200 मन की सोने की जंजीर से उसका घंटा बजता था। 
  • एक हजार पुजारी लगातार देवता की पूजा में लगे रहते थे। 
  • हजारों स्त्री पुरुष मंदिर के सामने नृत्य के लिए रखे गए थे। 

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Q.महमूद गजनवी ने भारत पर पहला आक्रमण कब किया था?

महमूद गजनवी ने भारत पर प्रथम आक्रमण 1001ई में किया था। राजा जयपाल ने अपनी स्वतंत्रता के लिए महमूद गजनी को बहुत ज्यादा धन दिया था।

Q.भारत पर 17 बार आक्रमण किसने किया?

महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार 1000ई से लेकर 1027ई तक 17 बार आक्रमण किये।

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