भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक कौन थे

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक एलन आक्टेवियन ह्यूम (ए ओ ह्यूम) थे। वह स्कॉटकैन्ड के निवासी थे। इंडियन सिविल सर्विस में ह्यूम ने  काफी सालों तक विभिन्न पदों पर रहते हुए कार्य किया है। ह्यूम 1885ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महामंत्री पद पर नियुक्त हुए एवं इस पद पर उन्होंने 1906 ई. तक कार्य किया। 1912ई.  में इंक मृत्यु होने के बाद कांग्रेस ने इन्हे अपना जन्मदाता एवं पिता माना है।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना

कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885ई . को दोपहर 12 बजे के स्थान बंबई के गोकुलदास तेजपल संस्कृत कॉलेज के भवन में हुई है। इसके संस्थापक(सचिव)  एलन आक्टेवियन ह्यूम (ए ओ ह्यूम) है। इसके अध्यक्ष – व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। कांग्रेस शब्द का उत्तरी अमेरिका से लिया गया है। जिसका अर्थ है, “लोगों का समूह”।

कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 28 से 31 दिसंबर, 1885 ई. तक बंबई के ग्वालिया टैंक स्थित गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कालेज में हुआ। शुरुवात में इसका नाम भारतीय राष्ट्रीय संघ था, दादा भाई नैरोजी के सुझाव पर इसका नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस रखा गया। इस अधिवेशन में अधिकतर नेता वकील एवं पत्रकार थे। बंबई के प्रथम अधिवेशन में कुल 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों में से बंबई प्रेसिडेंसी से 38 सदस्य, मद्रास से 21 सदस्य, बंगाल से 3 सदस्य, उत्तर प्रदेश और अवध से 7 सदस्य और पंजाब से 3 सदस्य शामिल हुये।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अध्यक्ष कौन थे

कांग्रेस के पहले अधिवेशन के अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे, एवं सचिव एलन आक्टेवियन ह्यूम (ए ओ ह्यूम)  थे। प्रथम अधिवेशन के महत्त्वपूर्ण सदस्यों में दादाभाई नौरोजी, फ़ीरोजशाह मेहता, दीनशा एडलजी वाचा, काशीनाथ तैलंग, वी राघवाचारी, एन जी चंद्रावकर, एस . सुब्रह्मण्यम आदि।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अंग्रेज अध्यक्ष कौन था

कांग्रेस के पहले अंग्रेज अध्यक्ष जार्ज यूले थे। इलाहाबाद में कांग्रेस के चतुर्थ अधिवेशन दिसंबर 1888ई. में हुआ था। इस अधिवेशन में 1248 सदस्यों ने भाग लिया। जार्ज यूले ने अपने अध्यक्षयीय भाषण में कहा की काँग्रेसजन का नारा है, की हम सबसे पहले भारतीय है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, एवं इसी में बाद में है। यह पहला अवसर था, जब लाला लाजपत राय कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल में हुए।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थी

कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष श्रीमती ऐनी बेसेण्ट  थी। यह एक आयरिश महिला थी। इनको कलकत्ता के 32 वें अधिवेशन में अध्यक्ष बनाया गया था। जो 28 से 29 दिसंबर 1917 में था। डॉ ऐनी बेसेण्ट का जन्म लंदन में 1847 में इनके पिता अंग्रेज थे। पिता जी पेशे से डॉक्टर थे। डॉक्टर बेसेण्ट को अपने माता – पिता का अच्छा प्रभाव पड़ा।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उद्देश्य

कांग्रेस के उद्देश्य प्रमुख थे-

  • देशहीत की दिशा में प्रयत्नशील भारतीयों के मध्य परस्पर समन्वय स्थापित कर मित्रता को प्रोत्साहित करना।
  • देश में व्याप्त धर्म,वंश एवं प्रांत संबंधी विवादों को समाप्त कर राष्ट्रीय एकता की भावना को प्रोत्साहित करना।
  • शिक्षित वर्ग की सहमति से आवश्यक सामाजिक विषयों से पर विचार- विमर्श करके भविष्य में भारतीय जन कल्याण के लिए नीति निर्धारित करना।
  • भारत के प्रति अन्यायपूर्ण परिस्थतियों को समाप्त करके भारत और ब्रिटेन के संबंधों को घनिष्ठ बनन।
  • जनता की मांगों का सूत्रीकर्ण एवं उसका प्रस्तुतीकरण करना।
  • भारत के सभी वर्गों और समुदायों को इकट्ठा उनमें एक राष्ट्र की भवन पैदा करना।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष की सूची

क्रमांकअध्यक्षों के नामअधिवेशनस्थानवर्षप्रमुख तथ्य
1.व्योमेश चंद्र बनर्जीप्रथमबंबई1885
  • प्रथम अध्यक्ष
2.दादाभाई नौराजीदूसराकलकत्ता1886
  • दूसरे अध्यक्ष
  • इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया, की सभी महत्त्वपूर्ण केंद्रों में कांग्रेस स्टैन्डिंग कमेटी का गठन किया जाएगा।
3.सैय्यद बदरुद्दीन तैयबजीतीसरामद्रास1887
  • यह कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष थे।
  • इस सम्मेलन में भारतीय भाषाओं में भाषण हुआ।
  • इस अधिवेशन में दो प्रस्ताव पास हुए। 1. आर्म्स ऐक्ट के खिलाफ प्रस्ताव 2. असम कुली ऐक्ट के खिलाफ प्रस्ताव
  • यह पहला अधिवेशन था, जिसके कार्य के संचालन का भर प्रतिनिधियों की एक कमेटी के हनथो सोपा गया।
4.जार्ज यूलेचौथाइलाहाबाद1888
  • यह कांग्रेस के प्रथम अंग्रेज अध्यक्ष थे।
5.विलियम वेडरबर्नपाँचवाबंबई1889
  • इस अधिवेशन में महिलाओं ने पहली बार भाग लिया।
  • इस अधिवेशन में 21 वर्षीय मताधिकार का प्रस्ताव पारित हुआ।
  • कांग्रेस की एक ब्रिटिश समिति का गठन लंदन में हुआ।
6.फिरोज शाह मेहताछठवाँकलकत्ता1890
  • इस अधिवेशन को कलकत्ता विश्वविद्यालय पहली स्नातक महिला कादंबिनी ने संबोधित किया।
7पी आनंद चारलूसातवाँनागपुर26-27 दिसंबर 1891
  • इस अधिवेशन में अध्यक्ष ने कहा की कांग्रेस का दूसरा नाम राष्ट्रीयता है।
8डब्ल्यू सी बनर्जीआठवाँइलाहाबाद28-29 दिसंबर
  • यह अधिवेशन इंग्लैंड में होना पर नहीं हो सका।
9दादाभाई नौरोजीनौवांलाहौर27-28 दिसंबर 1893
  • इस अधिवेशन में सिविल सेवा परीक्षा करवाने की मांग की गई।
10अल्फ्रेड वेबदसवांमद्रास27-28 दिसंबर1894
  • इस अधिवेशन में अल्फ्रेड वेब ब्रिटिश संसद के एक आयरिश सदस्य थे।
11.सुरेन्द्र नाथ बनर्जीग्यारहवाँपूना28-29 दिसंबर 1895
  • तिलक ने एम जी रानाडे द्वारा प्रारंभ “सोशल क्रानफेन्स” को कांग्रेस मंच से बंद करवा दिया।
12.रहीमतुल्ला सत्यानीबारहवाँकलकत्ता2728 दिसंबर 1896
  • कनग्रेस के मंच से प्रथम बार बंकिम चंद्र चटर्जी जी ने ‘वन्देमातरम’ का पहली बार गान  गाया। 
13.एम सी शंकरन नायरतेरहवाँअमरावती28-29 दिसंबर 1897 
14.आनंद मोहन बॉसचौदहवाँमद्रास27-29 दिसंबर 1898 
15.रमेश चंद्र दत्तपंद्रहवाँलखनऊ27-28 दिसंबर 1899 
16.एन जी चंद्रावकरसोलहवांलाहौर27-29 दिसंबर 1900 
17.दिनशा ई. वाचासत्रहवाँकलकत्ता27-28 दिसंबर 1901 
18.सुरेन्द्र नाथ बनर्जीअठारहवाँअहमदाबाद23-26 दिसंबर 1902 
19.लाल मोहन घोषउन्नीसवाँमद्रास28-30 दिसंबर 1903 
20.सर हेनरी काटनबीसवाँबंबई28-30 दिसंबर 1904 
21.गोपाल कृष्ण गोखलेइक्कीसवाँवाराणसी26-28 दिसंबर 1905
  • इस अधिवेशन गोखले को विपक्ष के नेता की उपाधि दी गई।
22.दादाभाई नौरोजीबाइसवाँकलकत्ता26-29 दिसंबर 1906
  • इस अधिवेशन में ‘स्वराज’ शब्द का प्रयोग हुआ है।
23.रस बिहारी बोसतेइसवाँसूरत26-27 दिसंबर 1906
  • इस अधिवेशन में स्वराज शब्द की व्याख्या को लेकर कांग्रेस में विभाजन हो गया, गरम दल एवं नरम दल। इस अधिवेशन की कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी।
23.रस बिहारी बॉसतेइसवाँमद्रास29-30 दिसंबर 1908 
24.मदन मोहन मालवीयचौबीसवाँलाहौर27-29 दिसंबर 1909 
25.सर विलियम वेडरवर्नपच्चीसवाँइलाहाबाद28-29 दिसंबर 1910 
26.विशन नारायण दरछब्बीसवाँकलकत्ता26-38 दिसंबर 1911
  • इस अधिवेशनमें कांग्रेस के मंच से पहली बार
27.आर एन मुथोलकरसत्ताइसवाँबाकीपुर27-28 दिसंबर 1912
  • इस अधिवेशन में ह्यूम को कांग्रेस का पिता कहा गया।
28.नवाब सैय्यद मूह्म्मदअठाईसवाँकराची26-28 दिसंबर 1913 
29.भूपेन्द्र नाथ बसुउनतीसवाँमद्रास28-30 दिसंबर 1914 
30.एस पी सिन्हातीसवाँबंबई27-30 दिसंबर 1915 
31.अंबिका चरण मजूमदारइकत्तीसवाँलखनऊ26-30 दिसंबर 1916
  • इस अधिवेशन में कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग में समझौता हो गया, जिसे ‘लखनऊ समझौता’ या ‘कांग्रेस लीग पैकट’ कहा गया।
  • इसमें नरम दल एवं गरम दल एक हो गए।
  • इस अधिवेशन में ही तिलक ने नारा दिया की ‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार’ है।
32.श्रीमती एनी बेसेण्टबत्तीसवाँकलकत्ता28-29 दिसंबर 1917
  • कनग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष ।
33.मदन मोहन मालवीयतैतीसवाँदिल्ली26-31दिसंबर 1918
  • इस अधिवेशन में रौलेट एक्ट पर विचार किया गया।
  • इस अधिवेशन में ही सर्वप्रथम मौलिक अधिकारों की मांग हुई।
34.मोतीलाल नेहरूचौतीसवाँअमृतसर27-28 दिसंबर 1919 
35.वीर राघवाचारीपैतीसवाँनागपुर26-31 दिसंबर 1920
  • इस अधिवेशन में कांग्रेस के संविधान में संशोधन किया गया, की कोई भी व्यक्ति 25 पैसे चंद देकर कांग्रेस की सदस्यता ले सकता है।
  • इस अधिवेशन में पहली बार भाषा के आधार पर प्रांतों की बात कही गई।
  • इसमें हिन्दी भाषा को संपर्क भाषा के रूप में प्रयोग करने पर जपोर दिया गया।
  • इसमें कांग्रेस ने रियासतों के प्रति अपनी घोषणा की।
  • सितंबर 1920 में कांग्रेस का अधिवेशन लाला लाजपत राय की अध्यक्षता में अधिवेशन हुआ, जिसमें असहयोग का प्रस्ताव पास किया गया।
36.सी आर दासछतीसवाँअहमदाबाद27-28 दिसंबर 1921
  • इस अधिवेशन में सी आर दास के जेल में होने के कारण अध्यक्षता हकीम अजमल खाँ ने की।
37.सी आर दाससैत्तीसवाँगया26-31 दिसंबर 1922 
38.मौलाना मुहहमद आलीअड़तीसवाँबंगाल28-31 दिसंबर 1923
  • ये सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे।
  • अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में अधिवेशन हुआ था।
39.महात्मा गांधीउनतालीसवाँबेल गाँव26-27 दिसंबर 1924
  • महात्मा गांधी केवल एक अध्यक्ष हुए, इस वक्त कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग डोनो विभाजित हो गए।
40.सरोजिनी नायुडूचालीसवाँकानपुर26 -28 दिसंबर 1925
  • यह कांग्रेस की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष थी।
  • इस अधिवेशन में हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में प्रयोग किया गया।
  • कांग्रेस के प्रमुख नेता हसरत मोहानी ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव रखा।
41.एम श्रीनिवास आयंगरइकतालीसवाँगोहाटी26-28 दिसंबर 1926
  • इस अधिवेशन में कांग्रेस के नेताओं को खादी पहनना अनिवार्य कर दिया गया था।
42.एम ए अंसारीबयालीसवाँमद्रास26-27 दिसंबर 1927
  • सुभाष चंद्र बॉस एवं जवाहर लाल नेहरू के प्रयत्न से पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पास हो गया।
43.मोटी लाल नेहरूतैतालीसवाँकलकत्ता28-31 दिसंबर 1928
  • इस अधिवेशन में ‘विदेश विभाग’ स्थापित हुआ।
44.जवाहर लाल नेहरूचौव्लिसवाँलाहौर29-31 दिसंबर 1929
  • इस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पास कर दिया गया और 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस मनाने का निश्चय किया गया।
45.बल्लभ भाई पटेलपैतालीसवाँकराची29 मार्च 1931
  • इस अधिवेशन में मौलिक अधिकार का प्रस्ताव पास किया गया। इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने कहा की गांधी मर सकता है, परंतु गाँधीवाद हमेशा जिंदा रहेगा।
46.सेठ रणछोर लाल अमृत लालछियालीसवाँदिल्ली24अप्रैल 1932 
47.श्रीमती नेल्ली सेन गुप्तासैतलिसवाँकलकत्ता1 अप्रैल 1932
  • प्रथम अंग्रेज महिला अध्यक्ष
48.डॉ राजेन्द्र प्रसादअड़तालीसवाँबंबई26-28अक्टूबर 1934
  • कांग्रेस का कोई अधिवेशन नहीं हुआ
49.जवाहर लाल नेहरूउनचासवांलखनऊ12-14 अप्रैल 1936
  • इस अधिवेशन में कांग्रेस पार्लियामेंट बोर्ड की स्थापना की गई।
  • कांग्रेस का लक्ष्य समाजवाद निर्धारित करना।
  • कांग्रेस का लक्ष्य समाजवाद निर्धारित किया गया।
  • नेहरू ने कहा ‘हाँ मै समाजवादी हूँ, मेरा लक्ष्य समाजवाद की स्थापना करना’।
50.जवाहर लाल नेहरूपचासवाँ बंगाल 27-28 दिसंबर 1937 
  • पहली बार कांग्रेस का अधिवेशन एक गाँव में हुआ। 
  • इस अधिवेशन में 13 सूत्रीय अस्थायी कृषि कार्यक्रम घोषित हुआ। 
51.सुभाष चंद्र बॉस इक्यानवां हरिपुरा 19-21 फरवरी 1938 
  • इस अधिवेशन में एक नियोजन समिति का गठन हुआ। 
52. सुभाष चंद्र बॉस बावनवाँ त्रिपुरी 10 मार्च 1939  
53. मौलाना अबुल कलम आजाद तिरपनवाँ  रामगढ़ 17-19 मार्च 1940 
  • 1941 से 45 तक कोई अधिवेशन नहीं हुआ, मौलाना अबुल कलम आजाद ही इसके अध्यक्ष रहें। 
54. आचार्य जे बी कृपलानी चौनवाँ मेरठ 23 नवंबर 1946 
  • स्वतंत्रता के समय जे बी कृपलानी ही कांग्रेस के अध्यक्ष रहें है। जवाहर लाल नेहरू ने इस्तीफा डे दिया था। 
  • डॉ राजेन्द्र प्रसाद भी अध्यक्ष हुए कृपलानी के इस्तीफा देने के बाद। 
55.डॉ पट्टाभि सीता रमैया पचपनवाँ जयपुर 1947  
56.परुषोत्तम दास टंडन छपनवाँ नासिक 1950  
57.जवाहर लाल नेहरू सत्तावनवाँ नई दिल्ली 1951  
58.जवाहर लाल नेहरू अट्ठावना हैदराबाद 1953 
59.जवाहर लाल नेहरू उनसठवाँ कल्याणी 1954 
60.उच्छनगराय नवलराय ढेबर साठवाँ अवाड़ी 1955
  • इस अधिवेशन में कांग्रेस ने देश में लोकतान्त्रिक आधार पर समाजवादी की राज्य की सतहपण की नीति स्वीकार की। 
61.उच्छनगराय नवलराय ढेबर इकसठवाँ अमृतसर 1956 
62.उच्छनगराय नवलराय ढेबर बासठवाँ गोहाटी 1958 
63.श्रीमती इंदिरा गांधी तिरसठवाँ नागपुर 1959 
64. श्री नीलम संजीव रेड्डी चौसठवाँ बंगलौर 1960
  • आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद छोड़कर कांग्रेस के अध्यक्ष बने। 
65.श्री नीलम संजीव रेड्डी पैसठवाँ गुजरात 1961 
66.दामोदरण संजीवैया छियासठवाँ भुवनेसवर 1962 
67.दामोदरण संजीवैया सरसठवाँ पटना 1963 
68.के कमराज अड़सठवाँ भुवनेश्वर 1964 
69.के कमराज उनहत्तरवाँ दुर्गापुर 1965  

निष्कर्ष

मेरे प्रिय दोस्तों आप ने इस पोस्ट में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बारे में अच्छे से जाना। यदि कोई भी जानकारी इस पोस्ट से संबंधित जानने की इच्छा हो तो आप पूछ सकते है, नीचे कमेन्ट करके। और अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाईट की प्रत्येक पोस्ट को अवश्य पढ़ें। 

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FAQ

Q.1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किसने की थी?

कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885ई . को दोपहर 12 बजे के स्थान बंबई के गोकुलदास तेजपल संस्कृत कॉलेज के भवन में हुई है। इसके संस्थापक(सचिव)  एलन आक्टेवियन ह्यूम (ए ओ ह्यूम) है। इसके अध्यक्ष – व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। कांग्रेस शब्द का उत्तरी अमेरिका से लिया गया है। जिसका अर्थ है, “लोगों का समूह”।

Q. अखिल भारतीय कांग्रेस की स्थापना कब और क्यों हुई थी?.

कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885ई . को दोपहर 12 बजे के स्थान बंबई के गोकुलदास तेजपल संस्कृत कॉलेज के भवन में हुई है। शिक्षित वर्ग की सहमति से आवश्यक सामाजिक विषयों से पर विचार- विमर्श करके भविष्य में भारतीय जन कल्याण के लिए नीति निर्धारित करना।

Q. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन कहाँ हुआ था?

कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 28 से 31 दिसंबर, 1885 ई. तक बंबई के ग्वालिया टैंक स्थित गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कालेज में हुआ। शुरुवात में इसका नाम भारतीय राष्ट्रीय संघ था, दादा भाई नैरोजी के सुझाव पर इसका नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस रखा गया। इस अधिवेशन में अधिकतर नेता वकील एवं पत्रकार थे। बंबई के प्रथम अधिवेशन में कुल 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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